Ganga Aarti In Varanasi - A Spiritual Journey
वाराणसी की गंगा आरती देखना वो अनुभव है जो सीधे दिल में उतरकर आत्मा को सुकून दे देता है। हर शाम दशाश्वमेध घाट पर होने वाली ये आरती केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि काशी की सांस्कृतिक धड़कन है। दीपों की सुनहरी रोशनी, मंत्रों की गूंज और गंगा की लहरों का संगम—ये सब मिलकर एक ऐसा दृश्य रचते हैं जिसे शब्दों में बांध पाना मुश्किल है।

अगर आप अखिलेश घूमंतू के साथ बनारस के इस जादुई पल को महसूस करना चाहते हैं, तो यह गाइड आपके लिए है। इसमें आपको मिलेगा—आरती के सही समय, प्रमुख घाटों की जानकारी, नौका–विहार (Boat Ride) के अनुभव, और ऐसी जरूरी टिप्स जो आपकी यात्रा को यादगार बना दें।
तो आइए, गंगा के किनारे इस दिव्य सफर की शुरुआत करते हैं, जहां हर लहर में भक्ति है और हर दीप में आस्था।
History and Significance of Ganga Aarti
Ganga Aarti in Varanasi एक ऐसा पावन अनुष्ठान है, जिसमें माँ गंगा के प्रति आस्था, कृतज्ञता और प्रेम समर्पित किया जाता है। हर शाम लगभग 7 बजे, दशाश्वमेध घाट पर जब पुजारी दीप, शंख और अग्नि के साथ मंत्रोच्चार करते हैं, तो पूरा वातावरण भक्ति से भर उठता है।
सदियों पुरानी इस परंपरा में, गंगा की लहरों पर दीपों की सुनहरी परछाइयाँ लहराती हैं और हज़ारों दीयों की जगमगाहट से पूरा घाट मानो स्वर्गिक रूप ले लेता है। यह क्षण केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि काशी की सांस्कृतिक धड़कन का भी जीवंत अनुभव है।
Timings and Ghats of Ganga Aarti

1. Dashashwamedh Ghat (Evening Aarti)
समय:-
- Summer (ग्रीष्मकाल): शाम लगभग 7:00 बजे उल्लास के साथ शुरू होती है।
- Winter (सर्दियों में): समय थोड़ा पहले—करीब 6:30 बजे—आनुभव का शिखर मिलता है।
दौरान (Duration): लगभग 45–60 मिनट तक यह भव्य आरती चलती है।
खास बात:
यह वाराणसी की सबसे प्रतिष्ठित गंगा आरती है—शमशान घाट नहीं, बल्कि एक अश्वमेध यज्ञ की स्मृति में स्थापित यह स्थल, लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र है। 7 पंडितों द्वारा वेद मंत्रों के बीच दीप, शंख और अग्नि का समन्वय भगवान और प्रकृति के साथ होता है।
Assi Ghat (सुबह की शांति का अनुभव)
समय:
Morning Aarti (Subah-e-Banaras):-
- Summer: सुबह 5:00–6:00 बजे
- Winter: सुबह 5:30–6:30 बजे
Evening Aarti:-
- Summer: शाम 6:00–7:00 बजे
- Winter: शाम के थोड़ा पहले 6:00 बजे शुरू होती है।

खास बात:
यह आरती “सुबह-ए-बनारस” के नाम से मशहूर है—सुबह की पहली सुनहरी लहर के साथ मंत्र, योग और संगीत का संगम होता है। यह स्थल भीड़-भाड़ से मुक्त, शांत लेकिन उतना ही आध्यात्मिक होता है, शुरुआत के लिए यह एकदम सही जगह है।
Tip:-
Dashashwamedh Ghat पर जाने वाले, कम से कम 30–45 मिनट पहले पहुंच कर एक अच्छी जगह सुनिश्चित कर सकते हैं। सर्दियों में शॉल या जैकेट साथ में रखें—घाटों पर ठंड का अहसास जल्दी हो सकता है।
Ganga Aarti in Varanasi – From the Ghat or by Boat (गंगा आरती कैसे देखें? – घाट से या नाव से)
वाराणसी की गंगा आरती देखना अपने आप में एक ऐसा अनुभव है, जो जीवनभर याद रहता है। इसे देखने के दो बेहतरीन तरीके हैं – घाट से बैठकर या गंगा की गोद से नाव में बैठकर। दोनों का अपना ही अलग आनंद है।
1. घाट से बैठकर देखना (Evening Ganga Aarti in Varanasi)
- खर्चा: बिल्कुल मुफ्त। बस समय से पहले पहुँचकर अच्छी जगह पकड़नी होगी।
- सबसे अच्छे स्थान: ऊपरी सीढ़ियाँ या पंडितों के मंच के पास।
- टाइमिंग टिप: शाम 6:00 बजे से पहले पहुँच जाएँ, ताकि भीड़ बढ़ने से पहले आराम से बैठ सकें।
- परिवार के लिए सलाह: अगर छोटे बच्चे या बुजुर्ग साथ हैं तो भीड़ से थोड़ा दूर बैठें, ताकि आराम और सुरक्षा बनी रहे।
2. नाव से बैठकर देखना(Ganga Aarti in Varanasi)
- खर्चा:
- शेयर बोट: ₹200–₹500 प्रति व्यक्ति
- प्राइवेट बोट (4–6 लोग): ₹1,000–₹2,000
- क्यों खास है?
नाव से देखी गई आरती का अनुभव अलग ही होता है। पानी में दीपों की परछाइयाँ और मंत्रों की गूंज मिलकर एक दिव्य माहौल बना देती हैं। - बुकिंग कैसे करें?
- डाइरेक्ट घाट पर जाकर नाव वालों से बात करें।
- या फिर getyourguide.com जैसे प्लेटफॉर्म से पहले से बुकिंग कर लें।
Note:-
बोट बुक करते समय Price Fixed कर लें और लाइफ जैकेट की व्यवस्था के बारे में जरूर पूछें।
Varanasi Ganga Aarti Trip Planning (यात्रा की योजना)

अगर आप Ganga Aarti in Varanasi का दिव्य नज़ारा अपनी आंखों में बसाने की सोच रहे हैं, तो कुछ ज़रूरी बातें पहले से जान लेना आपके सफर को और भी आसान और यादगार बना देगा।
- सबसे अच्छा समय
गंगा आरती देखने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे बढ़िया माना जाता है। इस दौरान तापमान लगभग 10–25°C रहता है, जिससे शाम के समय घाटों पर बैठना बहुत सुहावना लगता है। बरसात के मौसम (जुलाई–सितंबर) में गंगा का जलस्तर ऊंचा हो जाता है, जिससे नाव की सवारी थोड़ी मुश्किल हो सकती है। - पहनावा और मर्यादा
वाराणसी की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए सादे और शालीन कपड़े पहनें। पुरुष धोती–कुर्ता और महिलाएं साड़ी या सलवार–कमीज़ पहन सकती हैं। सिर ढकने के लिए एक दुपट्टा या स्कार्फ साथ रखें — यह यहां सम्मान और आस्था का प्रतीक माना जाता है। - सुरक्षा के उपाय
घाटों पर बंदरों से सावधान रहें और अपना सामान हमेशा सुरक्षित रखें। कुछ लोग आपको “VIP सीट” दिलाने का लालच दे सकते हैं, लेकिन याद रखें — गंगा आरती सभी के लिए नि:शुल्क है। - अतिरिक्त योजना
आरती के बाद काशी की गलियों में घूमना न भूलें। विश्वनाथ गली में बनारसी कचौड़ी, मलाईदार लस्सी और रबड़ी का स्वाद लेना अपने आप में एक अनुभव है। काशी चाट भंडार और मधुर मिष्टान भंडार यहां के मशहूर ठिकाने हैं, जिन्हें ज़रूर आज़माएं।
Ganga Aarti in Varanasi सिर्फ एक अनोखा अनुभव नहीं है, बल्कि इसके अलावा भी काशी की गलियों, घाटों और मंदिरों में इतना कुछ है कि हर कदम पर एक नई कहानी छिपी है। अगर आप गंगा आरती देखने आए हैं, तो इसके साथ ये जगहें और अनुभव भी अपनी यात्रा में ज़रूर शामिल करें —
- काशी विश्वनाथ मंदिर
गंगा आरती के पहले या बाद में बाबा विश्वनाथ के दर्शन ज़रूर करें। यह घाट से महज़ 5–10 मिनट की पैदल दूरी पर है। अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो ₹300 का “सुगम दर्शन” टिकट ले सकते हैं, जिससे दर्शन का अनुभव आरामदायक और सहज हो जाता है। - मणिकर्णिका घाट
यह दुनिया के सबसे पुराने श्मशान घाटों में से एक है, जहां जीवन और मृत्यु का अद्वितीय दर्शन होता है। यहां जाते समय मौन और सम्मान बनाए रखें, क्योंकि यह स्थानीय लोगों के लिए आस्था और परंपरा का स्थान है। - सूर्योदय नाव की सवारी
सुबह 5:00 से 6:00 बजे के बीच नाव से गंगा के घाटों का नज़ारा लेना अपने आप में जादुई अनुभव है। सूरज की पहली किरण, गंगा का शांत जल और मंदिरों की घंटियों की आवाज़ — ये सब मिलकर एक दिव्य वातावरण बनाते हैं। - खरीदारी का मज़ा
विश्वनाथ गली में घूमते हुए आप बनारसी साड़ियां, रुद्राक्ष की मालाएं, पीतल के शोपीस और पूजा के सामान खरीद सकते हैं। थोड़ी-बहुत मोलभाव करना यहां की परंपरा का हिस्सा है, तो मज़ा लीजिए।
One-Day Trip Cost Estimate for Ganga Aarti in Varanasi
अगर आप सिर्फ एक दिन के लिए वाराणसी में गंगा आरती और आसपास की जगहें देखने का प्लान बना रहे हैं, तो आपका अनुमानित खर्च कुछ इस तरह हो सकता है —
- नाव की सवारी: ₹200–₹2,000 (शेयर्ड या प्राइवेट बोट के हिसाब से)
- खाना: ₹100–₹300 प्रति भोजन (चाट, लस्सी या थाली)
- स्थानीय यात्रा: ₹50–₹200 प्रति ट्रिप (ऑटो या रिक्शा)
💰 कुल खर्च: ₹500–₹2,500 प्रति व्यक्ति — यह आपकी नाव और खाने की पसंद पर निर्भर करता है।
Do’s & Don’ts (क्या करें और क्या न करें)
क्या करें (Do’s):-
- आरती के दौरान शांति बनाए रखें और मंत्रों के साथ मन को भी एकाग्र करें।
- पंडितों और स्थानीय परंपराओं का सम्मान करें।
- गंगा में कभी भी प्लास्टिक, कचरा या कोई गंदगी न डालें — यह हमारी आस्था और प्रकृति, दोनों का अपमान है।
क्या न करें (Don’ts):-
- घाट पर खाना खाते हुए कचरा इधर-उधर न फैलाएं।
- फ़ोटोग्राफ़ी की अनुमति है, लेकिन फ्लैश का इस्तेमाल न करें और भीड़ के बीच बाधा न बनें।
- आरती के दौरान ऊँची आवाज़ में बातें करने या फोन पर बात करने से बचें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
गंगा आरती कब होती है? (When Does the Ganga Aarti in Varanasi Take Place?)
- दशाश्वमेध घाट पर गर्मियों में शाम 7:00 बजे और सर्दियों में शाम 6:30 बजे शुरू होती है।
क्या नाव के लिए पहले से बुकिंग करनी ज़रूरी है?
- ज़रूरी नहीं, लेकिन नवंबर से मार्च के बीच पर्यटकों की भीड़ अधिक होती है, ऐसे में पहले से बुकिंग करना बेहतर है।
क्या फ़ोटोग्राफ़ी की अनुमति है?
- हां, लेकिन फ्लैश का इस्तेमाल न करें और ध्यान रखें कि आप अन्य लोगों के अनुभव में व्यवधान न डालें।
वाराणसी की गलियों और घाटों का असली जादू तब महसूस होता है जब शाम को Ganga Aarti in Varanasi शुरू होती है। यह सिर्फ़ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक दिव्य अनुभव है जो आँखों को मोह लेता है और दिल को सुकून देता है। इस गाइड के साथ अगर आप अपनी यात्रा की योजना बनाएंगे, तो बनारस की इस आध्यात्मिक शाम की यादें हमेशा आपके साथ रहेंगी।
✨ हर हर गंगे!